आमोन के पुत्र यहूदा के राजा योशिय्याह के दिनों में, सपन्याह के पास जो हिजकिय्याह के पुत्र अमर्याह का परपोता और गदल्याह का पोता और कूशी का पुत्र था, यहोवा का यह वचन पहुंचा:
मैं मनुष्य और पशु दोनों का अन्त कर दूंगा; मैं आकाश के पक्षियों और समुद्र की मछलियों का, और दुष्टों समेत उनकी रखी हुई ठोकरों के कारण का भी अन्त कर दूंगा; मैं मनुष्य जाति को भी धरती पर से नाश कर डालूंगा, यहोवा की यही वाणी है।
मैं यहूदा पर और यरूशलेम के सब रहने वालों पर हाथ उठाऊंगा, और इस स्थान में बाल के बचे हुओं को और याजकों समेत देवताओं के पुजारियों के नाम को नाश कर दूंगा।
जो लोग अपने अपने घर की छत पर आकाश के गण को दण्डवत करते हैं, और जो लोग दण्डवत करते हुए यहोवा की सेवा करने की शपथ खाते हैं; और अपने मोलेक की भी शपथ खाते हैं;
उस समय मैं दीपक लिए हुए यरूशलेम में ढूंढ-ढांढ़ करूंगा, और जो लोग दाखमधु के तलछट तथा मैल के समान बैठे हुए मन में कहते हैं कि यहोवा न तो भला करेगा और न बुरा, उन को मैं दण्ड दूंगा।
तब उनकी धन सम्पत्ति लूटी जाएगी, और उनके घर उजाड़ होंगे; वे घर तो बनाएंगे, परन्तु उन में रहने न पाएंगे; और वे दाख की बारियां लगाएंगे, परन्तु उन से दाखमधु न पीने पाएंगे॥
मैं मनुष्यों को संकट में डालूंगा, और वे अन्धों की नाईं चलेंगे, क्योंकि उन्होंने यहोवा के विरुद्ध पाप किया है; उनका लोहू धूलि के समान, और उनका मांस विष्ठा की नाईं फेंक दिया जाएगा।
यहोवा के रोष के दिन में, न तो चान्दी से उनका बचाव होगा, और न सोने से; क्योंकि उसके जलन की आग से सारी पृथ्वी भस्म हो जाएगी; वह पृथ्वी के सारे रहने वालों को घबरा कर उनका अन्त कर डालेगा॥